धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥ जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥ मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥ https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa