आरती कीजै हनुमान लला की । दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥ भक्ति-भारत वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें »इस चालीसा को भविष्य के लिए सुरक्षित / बुकमार्क करें जय गणपति सदगुण सदन, कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय I swear https://baglamukhi-shabar-mantra99876.sharebyblog.com/32651633/5-simple-statements-about-panchmukhi-hanuman-explained